जिला बेमेतरा – District Bemetara

District Bemetara

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District Bemetara

District Bemetara छत्तीसगढ़ राज्य का एक नवीन गठित जिला है जिसका गठन 1 जनवरी 2012 को दुर्ग जिले के विभाजन के पश्चात हुआ है। यह दुर्ग जिले के उत्तरी किनारे पर स्थित है। जिले के कुल क्षेत्रफल 2854.81 वर्ग कि.मी. और जिले की कुल जनसंख्या लगभग 795334 है। जिले की सीमा छत्तीसगढ़ राज्य की 7 जिलों यानी दुर्ग, रायपुर, बलोदा बाजार, बिलासपुर, कवर्धा एवं राजनांदगावं से घिरी हुई है। बेमेतरा छत्तीसगढ़ का एक शहर हैं, जो दुर्ग जिले से अलग होकर नए जिले के रूप में १४ जनवरी २०१२ को अस्तित्व में आया| यहाँ के प्रथम कलेक्टर के रूप में सुश्री श्रुति सिंह नें कार्यभार ग्रहण किया तथा एसपी के रूप में आर पी साय ने अपनी सेवायें दी|

Bemetara Village List

जिला मूल रूप से अपने उन्हारी उत्पादन के लिए पुरे एशिया में विख्यात हैं। यहाँ चना की रिकार्डतोड़ पैदावार होती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी यह जिला अग्रिणी रहा हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कवी सुरेन्द्र दुबे भी इसी माटी के हैं। इन्टरनेट पर राष्ट्रीय न्यूज़ सर्विस दे रहे अजय कुमार बेमेतरा जिले के पहले अधिमान्य प्राप्त पत्रकार हैं। माता भद्रकाली संस्थान, योगिद्वीप, देवरबीजा, सरदा, देवकर, नवागढ़ सहित कई महत्वपूर्ण जगह इस किले में स्थित हैं। रेलमार्ग से अछूता यह शहर सिर्फ सड़क मार्ग के भरोसे भी सफलता की ओर अग्रसर हैं।

बेमेतरा नगर नवीन बेमेतरा जिले का एकमात्र नगर पालिका परिषद है। जो 21 वार्डों में बटा हुआ है। बेमेतरा नगर पालिका परिषद के वर्तमान अध्यक्ष श्री विजय सिन्हा जी हैं। बेमेतरा नगर की जनसंख्या 2011 की जनगणना के हिसाब से 28226 है। बेमेतरा नगर में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ माता भद्रकाली व माता शीतला के प्रसिद्ध मंदिर हैं।

छत्तीसगढ राज्य के दुर्ग जिले को विभाजित कर 21 वें जिले के रूप में बालोद एवं 22वें जिले के रूप में 13 जनवरी 2012 को बेमेतरा जिला का गठन किया गया। जिसका विधिवत उदृघाटन राज्य के मुख्यमंत्री माननीय रमन सिंह जी के द्वारा किया गया। लगभग दो हजार 855 वर्ग किलोमीटर में फैले इस नये जिले में पांच तहसीलों के अंतर्गत 700 गांव, 387 ग्राम पंचायत और सात नगरीय क्षेत्र शामिल हैं। बेमेतरा जिला शिवनाथ, सुरही, हाफ और संकरी नदी के आंचल में 700 गांवों और 387 ग्राम पंचायतों के साथ दो हजार 855 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

नये जिले में चार विकासखण्ड- नवागढ़, बेमेतरा, बेरला, साजा एवं पांच तहसीलें- नवागढ़, बेमेतरा, बेरला, साजा और थानखम्हरिया है। एक नगर पालिका परिषद बेमेतरा सहित सात नगरीय निकाय- नगर पंचायत साजा, थानखम्हरिया, मारो, देवकर, नवागढ़, परपोड़ी और बेरला शामिल हैं। जिले के सभी 700 आबाद गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है।

बेमेतरा जिले में किसान लगभग दो लाख 35 हजार हेक्टेयर में खेती करते हैं। मुख्य रूप से बेमेतरा जिले में धान के साथ-साथ दलहन-तिलहन, गन्ना और गेहूं की खेती हो रही है। नये बेमेतरा जिले की कुल जनसंख्या सात लाख 95 हजार 334 है। इसमें सात लाख 21 हजार की आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। जिला मुख्यालय बेमेतरा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर हाफ नदी के किनारे ग्राम बुचीपुर में चौदहवीं शताब्दी का प्रसिध्द महामाया मंदिर इस नये जिले के गौरवशाली इतिहास का साक्षी है।

बेमेतरा जिले में कुल एक हजार 385 शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हो रही है। इनमें पांच कॉलेज, 63 हायर सेकेण्डरी स्कूल, 59 हाई स्कूल, 411 मिडिल स्कूल, 845 प्राथमिक शालाएं और दो तकनीकी शिक्षण संस्थाएं शामिल हैं। बेमेतरा से 15 किमी. की दुरी पर देवरबीजा ग्राम में स्थित सीता मंदिर और रायपुर जीले की सरहद में शिवनाथ और खारून नदी के संगम में अत्यंत रमणीय व धार्मिक पर्यटक स्थल सोमनाथ का मंदिर इस जिले की शोभा बढ़ाते हैं।

जिला बेमेतरा का इतिहास

दुर्ग जिले के गजेटियर के अनुसार बेमेतरा सहित पूरा दुर्ग जिला पहले सम्राट अशोक के साम्राज्‍य मे शामिल था। सन् 1742 ई. में यह क्षेत्र मराठों के तथा सन् 1853 से भोसले राजा के अधीन रहा। कहा जाता है प्राचीन समय में यहॉ व्‍योमतारा नाम की रानी का राज्‍य था, जिसके नाम पर इस नगर का नाम बेमेतरा पड़ा। बाद में यहॉ जमींदारी प्रथा लागू हुई। यहॉ के अंतिम जमींदार जरब सिंह वर्मा रहे। सन् 1857 से सन् 1906 तक पूरा दुर्ग तहसील रायपूर जिले में शामिल था। बेमेतरा सिमगा तहसील के अंतर्गत था एवं नवागढ़ क्षेत्र बिलासपुर जिले में था। सन् 1906 ई. में जब दुर्ग जिला बना तो जिले के तीन तहसीलों में बेमेतरा प्रमुख तहसील था। प्रारंभिक समय से बेमेतरा तहसील में नवागढ़, बेरला और साजा विकासखंड शामिल थे जो 1 जनवरी 2012 से नवगठित बेमेतरा जिले के भी साथ हैं।

जिला बेमेतरा की जलवायु 

भौगोलिक स्थिति और भौतिक विशेषताओं के कारण जिले की जलवायु को उष्णकटिबंधीय जलवायु के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। मुख्य रूप से जिले में दो प्रमुख मौसम होते हैं- एक बेहद गर्म गर्मी और दुसरी मध्यम सर्दी। गर्मियों में तापमान 47 डिग्री सेंटीग्रेड तक बढ़ जाता है। मानसून का मौसम गर्मियों के तुरंत बाद शुरू होता है जो सितम्बर अंत तक रहता है। दक्षिण पश्चिम मानसून बरसात के मौसम के दौरान औसत वर्षा लाता है और जिले में कोई सुखा प्रवण क्षेत्र या अनावृष्टि छाया क्षेत्र नहीं है।

जिला बेमेतरा की कृषि, खनन और वन 

बेमेतरा जिला मुख्यतः कृषि प्रधान जिला है। खरीफ मौसम की मुख्य फसलें धान, सोयाबीन, अरहर आदि है तथा रबी मौसम की मुख्य फसलें गेहूं, चना, अलसी, सरसों आदि है। यह जिला “उन्हारी जिला” के रूप में भारत भर में प्रसिद्ध है। जिले में रेत की खुदाई नदियों से की जाती है। चूना पत्थर जिले में कई स्थानों पर पाया जाता है। ग्राम जेवरा में कीमती पत्थर क्वार्ट्ज पाया जाता है। बबूल, आम, नीम, पीपल, कहुआ और खमार के पेड़ जिले भर में पाए जाते हैं।

जिला बेमेतरा का परिवहन और उद्योग 

जिले में कोई रेलवे लाइन नहीं है। यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन तिल्दा (35 किमी) है और प्रमुख स्टेशन रायपुर(66 किमी) है। बेमेतरा में प्रस्तावित एक नई रेल लाइन सर्वे दुर्ग-बेमेतरा-मुंगेली-बिलासपुर लाइन है। बेमेतरा शहर अच्छी तरह से सड़क मार्ग से रायपुर, जबलपुर, बिलासपुर, दुर्ग और कवर्धा से जुड़ा हुआ है।

राष्ट्रीय राजमार्ग NH12A बेमेतरा शहर के मध्य से होकर गुजरता है जो राज्य कि राजधानी रायपुर को जबलपुर से जोडता है। दो राज्य राजमार्ग भी बेमेतरा से होकर गुजरता है पहला बेमेतरा से दुर्ग तथा दुसरा कुम्हारी से मुंगेली। बेमेतरा में निकटतम हवाई अड्डा रायपुर है जो शहर से 66 किमी दूर है।

बेमेतरा में स्थानीय परिवहन हाथ रिक्शा और ऑटो रिक्शा है। लोग अपनी खुद की सुविधा जैसे मोटरसाइकिल, कार और साइकिल से सफर करते हैं।

कोई बड़ा उद्योग बेमेतरा में स्थापित नही है। जिले में छोटे और मैक्रो उद्योगों मौजूद हैं जैसे ईंट, गुड़, बर्तन, बांस का काम आदि। जिले में चावल मिल, दाल मिल और आरा मिल पर्याप्त संख्या में हैं। जूता, साबुन और मसाले जैसे लघु उद्योगों का परिचालन जिले में हो रहा है।

जिला बेमेतरा की सिंचाई 

जिले में शिवनाथ, खारुन, हाफ, सकरी, सुराही नदी बहती है। कोई बडे बांध का निर्माण बेमेतरा जिले में नही किया गया है। सिंचाई सुविधा सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से प्रदान की जाती है। कई किसानों को सिंचाई के लिए बारिश और ट्यूबवेल पर निर्भर रहना पड़ता हैं। इसलिए जिले का ज्यादातर भूमि असिंचित हैं।

जिला बेमेतरा की नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत

तहसीलसिटी
नवागढ़नवागढ़
नवागढ़मारो
बेमेतराबेमेतरा
साजादेवकर
साजापरपोड़ी
साजासाजा
बेरलाबेरला
थान खम्‍हरियाथान खम्‍हरिया

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