Kherkatta Dam का इतिहास :
Kherkatta Dam का निर्माण:
Kherkatta Dam , जिसे पखंजोर बांध भी कहा जाता है, भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एक मिट्टी-भराई वाली तटबंध-प्रकार का बांध है। इसका निर्माण 1958 में दंडकारण्य विकास प्राधिकरण द्वारा दंडकारण्य परियोजना के तहत शुरू किया गया था। बांध का निर्माण 15 साल की अवधि में 1981 में पूरा हुआ था।
Kherkatta Dam का उद्देश्य:
इस बांध का निर्माण मुख्य रूप से सिंचाई और कृषि प्रणालियों में सुधार लाने के लिए किया गया था। यह बांध मठोली नदी पर बनाया गया है और इसका जलाशय 2,955,000 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहित करता है। बांध से दो मुख्य नहरें निकलती हैं जो क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी प्रदान करती हैं।
Kherkatta Dam का लाभ:
खेरकट्टा बांध ने क्षेत्र के लोगों को कई लाभ प्रदान किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सिंचाई: बांध ने क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं में काफी सुधार किया है, जिससे किसानों को अपनी फसलों को अधिक कुशलता से उगाने में मदद मिली है।
- जल विद्युत: बांध से उत्पन्न बिजली का उपयोग क्षेत्र के गांवों को बिजली प्रदान करने के लिए किया जाता है।
- मछली पालन: बांध का जलाशय मछली पालन के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बन गया है।
- पर्यटन: बांध और उसका जलाशय एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है।
Kherkatta Dam का विवाद:
हालांकि, बांध के निर्माण से कुछ नकारात्मक प्रभाव भी पड़े हैं, जिनमें शामिल हैं:
- विस्थापन: बांध के निर्माण के लिए, आसपास के क्षेत्रों के कई लोगों को विस्थापित करना पड़ा।
- पर्यावरणीय क्षति: बांध के निर्माण से क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों को नुकसान पहुंचा है।
निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, खेरकट्टा बांध ने क्षेत्र के लोगों को कई लाभ प्रदान किए हैं, लेकिन इसके निर्माण से कुछ नकारात्मक प्रभाव भी पड़े हैं। बांध के प्रबंधन में इन दोनों पहलुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
Kherkatta Dam का अतिरिक्त जानकारी:
- खेरकट्टा बांध छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा बांध है।
- बांध का जलाशय 1,300 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
- बांध से निकलने वाली नहरें 100,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की सिंचाई करती हैं।
उम्मीद है कि यह जानकारी आपको खेरकट्टा बांध के इतिहास के बारे में अधिक जानने में मदद करेगी।